कई महिलाओं को अपने मासिक धर्म के आने से कुछ दिन पहले ही पेट पर सूजन (ब्लोटिंग) का अनुभव होने लगता है। देखा जाये तो ब्लोटिंग सभी मनुष्यों के लिए एक सामान्य चिंता का विषय है, लेकिन विशेष रूप से जो महिलाएं अपने मासिक धर्म से गुजरने वाली होती हैं उनमें यह समस्या आम देखी गयी है। ऐसे समय में पेट पर ब्लोटिंग होना बहुत असहज हो सकता है जो आपके आत्मविश्वास को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। ऐसे समय में महिलाओं को ऐसा महसूस होने लगता है कि उनका वजन बढ़ गया है या उनका पेट आगे निकल गया है, जिससे उनके कपड़े पेट पर टाइट आने लगते हैं। ऐसे में उनको बहुत सी परेशानी से गुजरना पड़ता है। शोध में पाया गया कि जो महिलाएं पीरियड्स के दिनों से पहले पेट के फूलने का अनुभव करती हैं, वह अपने पीरियड्स के दौरान अधिक असहजता महसूस करती हैं।
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पीरियड्स में थोड़ी-बहुत तकलीफ़ होना नॉर्मल है, लेकिन तकलीफ़ ज़्यादा और बार-बार हो तो ये किसी हेल्थ प्रॉब्लम का संकेत हो सकता है, इसलिए ये जानना ज़रूरी है कि पीरियड्स में क्या नॉर्मल है और क्या ऐब्नॉर्मल, ताकि सही समय पर ज़रूरी क़दम उठाया जा सके। पीरियड्स कभी-कभी बहुत ही पीड़ादायी होते हैं। पीरियड्स शुरू होने से पहले अधिकतर लड़कियों व महिलाओं को सिरदर्द, पेट में ऐंठन और दर्द की शिकायत होती है। इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी होते हैं, जो इस प्रकार से हैं
- चिड़चिड़ापन
- अनिद्रा
- अधिक भूख लगना
- वज़न बढ़ना
- पेडू, पीठ व कमर में दर्द होना
- मुंहासे निकलना
- स्तनों में भारीपन और दर्द सा महसूस होना
- मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, थकान का महसूस होना
- दर्द के कारण दैनिक कार्यों को करने में एकाग्रता में कमी
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पीरियड्स में ऊपर दिए हुए सभी लक्षण होना सामान्य है, इसे पीएमएस यानी प्री-मेंस्ट्रूअल सिंड्रोम भी कहते हैं। प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) एक सामान्य स्थिति है जो कई महिलाओं को मासिक धर्म से पहले अनुभव होती है। यह शारीरिक और मनोदशा दोनों परिवर्तनों का कारण बन सकता है, जबकि पीएमएस के कई भावनात्मक और शारीरिक लक्षण शामिल हो सकते हैं। इन परिस्थिति में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मुद्दे भी काफी आम होते हैं, जिसके कारण निम्नलिखित परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं :
- निचले पेट में सूजन
- पेट में ऐंठन
- दस्त या कब्ज
- अतिरिक्त गैस
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ब्लॉटिंग के कारण :
पीरियड से पहले और दौरान ब्लोटिंग का कारण सेक्स हार्मोन प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन के स्तर में बदलाव होता है। पेट में ब्लोटिग, के साथ- साथ ही उन्हें ब्रेस्ट टेंडरनेस यानी ब्रेस्ट में सूजन और कड़ापन जैसा भी महसूस होता हैं। प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन के स्तर में बदलाव के कारण शरीर में अधिक पानी और नमक का जमाव हो जाता है जिसके कारण शरीर की कोशिकाएं पानी के जमाव के कारण सूज जाती हैं, जिससे सूजन का एहसास होता है। एक महिला के पीरियड्स शुरू होने से लगभग एक सप्ताह पहले, हार्मोन प्रोजेस्टेरोन का स्तर गिर जाता है और एस्ट्रोजन का स्तर अधिक हो जाता है। प्रोजेस्टेरोन का कम स्तर गर्भाशय की परत को मोटा बना देता है, यदि आप गर्भवती हो जाती हैं, तो निषेचित अंडा आपके गाढ़े गर्भाशय की परत से जुड़ जाता है। यदि आप गर्भवती नहीं हैं, तो गाढ़ा अस्तर आपके शरीर को छोड़ देता है, और आपके पीरियड्स शुरू हो जाते हैं।
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हार्मोन केवल एकमात्र कारण नहीं हो सकता है जिसके कारण आपको ब्लोटिंग या अन्य परेशानियां उत्पन्न होती हैं। आपके लक्षणों के अन्य कारण इससे संबंधित हो सकते हैं:
- आपका जीन
- विटामिन और खनिजों का प्रकार और मात्रा जो आप अपने आहार में लेते हैं
- आपका आहार, खासकर अगर आप अधिक नमक खाते हैं
- कैफीन या अल्कोहल वाले पेय और खाद्य पदार्थ अधिक लेते हैं।
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ब्लोटिंग मासिक धर्म का एक सामान्य प्रारंभिक लक्षण है जो लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं अपने पीरियड्स के दौरान अनुभव करती हैं। ब्लोटिंग आमतौर पर आपके पीरियड्स शुरू होने से कुछ दिन पहले होती है और मासिक धर्म हो जाने के कुछ दिनों बाद अपने आप ही काटें हो जाती है। आप पूरी तरह से सूजन को रोकने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, लेकिन कुछ घरेलू उपचार और उपपायों को अपना कर इसको कम करने की कोशिश कर सकते हैं। अपनी जीवनशैली में थोड़ा बदलाव करके आप ब्लोटिंग की समस्या से राहत पा सकती हैं ।आइये जानते है किन उपायों को अपनाकर आप मासिक धर्म के दौरान ब्लोटिंग से राहत पा सकते हैं :
- नमकीन खाद्य पदार्थों से बचें:
नमक में उपस्थित सोडियम एक व्यक्ति के शरीर के पानी की मात्रा को बढ़ा सकता है। नमकीन खाद्य पदार्थों से बचने से पानी की अवधारण को कम करने और सूजन की में सुधार लाने में मदद मिल सकती है। रिसर्च के अनुसार यह बताया गया है कि प्रति दिन 1,500 मिलीग्राम (मिलीग्राम) तक नमक का सेवन ही उचित होता है। बाहर उपलब्ध कई प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में नमक अधिक मात्रा में होता है, इसलिए कोशिश करना चाहिए कि ऐसे समय में घर पर केवल ताजी सामग्री का उपयोग करके भोजन पकाएं। ऐसा करने से आप अतिरिक्त नमक के सेवन से बच सकते हैं ।
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- आहार में प्रोबायोटिक्स शामिल करें :
प्रोबायोटिक्स को अपने आहार का एक नियमित हिस्सा बनाने से आपके आंत में लाभकारी बैक्टीरिया को रहने में मदद मिल सकती है, जो बदले में आपके पाचन तंत्र को नियंत्रित रखते हैं और आपके पेट में उत्पन्न होने वाले ब्लोट को कम करने में मदद मिलती है। दही, मिसो, और टेम्पेह जैसे खाद्य पदार्थ प्रोबायोटिक्स से भरपूर्ण होते हैं अतः कोशिश करें कि ऐसे विकल्पों को अपने आहार में शामिल करें।
- प्रोटीन और पोटैशियम वाले आहार चुनें:
केले, कैंटालूप, टमाटर और शतावरी जैसे उच्च-पोटेशियम खाद्य पदार्थ तरल पदार्थों के एक अच्छे संतुलन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। वही दूसरी ओर चिया, नट्स और सैल्मन जैसे खाद्य पदार्थ स्वस्थ वसा के अच्छे स्रोत होते हैं। ये प्रोस्टाग्लैंडिन, हार्मोन के समूह को कम करने में मदद करते हैं जो ब्लोट और मांसपेशियों के संकुचन का कारण बनते हैं। अतः हाई प्रोटीन फूड जैसे केला, खरबूज,टमाटर, अस्परैगस, चिकन, मछली और टोफू जैसी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें ।
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- उन खाद्य पदार्थों से दूर रहें जो गैस का कारण बनते हैं:
बींस, ब्रॉक्ली, सेम, फूलगोभी ,पत्तागोभी और लेटस हो सकता है, ये आपके पसंदीदा खाद्य पदार्थ हो परन्तु ऐसे समय में इन खाद्य पदार्थों से दूरी बना कर रखने में ही भलाई होती है क्योकि इन खाद्य पद्धार्थों में एक जटिल चीनी होती है जिसे रैफिनोज कहा जाता है। ऐसे समय में यह खाद्य पदार्थ सही से हमारे शरीर में पच नहीं पाते हैं, जिससे गैस और ब्लॉटिंग की समस्या शुरू हो जाती है। ब्लोट को कम करने का सबसे अच्छा तरीका इन खाद्य पदार्थों से दुरी बना कर रखना हो सकता है।
- इस समय शराब और कैफीन से दूर रहें :
विशेषज्ञों का मानना है कि शराब और कैफीन दोनों सूजन और प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) के अन्य लक्षणों में योगदान करते हैं। इन पेय पदार्थों को पीने के स्थान पर अधिक पानी पीने पर ध्यान दें। यदि आप अपनी सुबह की और शाम की कॉफ़ी को छोड़ने में असमर्थ लग रहे हैं तो इसे एक ऐसे पेय के साथ बदलने की कोशिश करें जिसमें कैफीन की मात्रा कम हो, जैसे कि चाय, या ग्रीन टी आदि। कैफीन और शराब आपके पाचन तंत्र को ओवरस्ट्रीम कर सकती है और आंत्र में जलन कर सकती है, जिससे आपको शरीर में पानी क कमी हो सकती है। अतः बेहतर होगा कि ऐसे समय में आप इन पदार्थों का सेवन बहुत कम कर दें।
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- वर्कआउट को रूटीन में रखें :
विशेषज्ञों का सुझाव है कि इन दिनों चाहे आप थोड़ा सुस्त महसूस करें फिर भी अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज को जरूर शामिल करें क्योकि अक्सर देखा गया है कि जो महिलाएं एक्सरसाइज या अन्य किसी प्रकार कि शारीरिक गतिविधि में भाग नहीं लेती हैं उनका पाचनतंत्र कमजोर होता है, जिससे ब्लोटिंग, कब्ज और गैस की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अतः पीरियड्स और उससे पहले के दिनों में आपको हलकी -फुल्की एक्सरसाइज जरुर करनी चाहिये जिससे पेट की सूजन ना बढ़े। तैराकी और योग जैसे हल्के वर्कआउट आपके लिए अच्छे साभित हो सकते हैं, हालाँकि इस समय में क्रॉसफिट जैसे उच्च तीव्रता वाले व्यायाम वास्तव में सूजन को बढ़ावा दे सकते हैं, जो ब्लॉटिंग का कारण हो सकता है।
- गर्म पानी का सेवन करें :
हमारी आंतों में गैस भोजन के पाचन से एक प्राकृतिक उत्पादन के रूप में निकलती है। जिसके कारण आपको अपना पेट बड़ा सा महसूस होता है, जबकि आपका पेट वास्तव में बढ़ा हुआ नहीं होता है, लेकिन आपको बहुत भरा हुआ लगता है। गैस या तरल पदार्थ का निर्माण आमतौर पर पेट या छोटी आंत में गड़बड़ी के कारण होता है। हमारे पेट में पाए जाने वाले बैक्टीरिया, गैस का कारण बनते हैं। कुछ आहार में परिवर्तन करके गैस से राहत पाया जा सकता है ,विशेष रूप से शुद्ध हल्का गुनगुना पानी पीने से इस प्रक्रिया में सहायता मिल सकती है। पानी प्राकृतिक तरीके से विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। गर्म पानी पीने से आपके शरीर को तरल पदार्थों की पूर्ति के लिए आवश्यक पानी मिलता है। यह पाचन में भी सुधार करता है जिससे आपको ब्लोटिं की समस्या में अधिक आराम महसूस हो सकता है। अधिक लाभ पाने के लिए सुबह -सुबह बिस्तर से उठकर गुनगुना पानी पीना चाहिए।
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