महिलाओं के स्तनों में चकत्ते पड़ना बहुत ही सामान्य बात हैं। ज्यादातर ये चकत्ते ग्रीष्मकाल या मौसमी एलर्जी की वजह से होते हैं कई बार इनरवियर भी इसकी प्रमुख वजह बनते हैं गर्मियों में टाइट फिटिड वाले इनरवियर पहनने से भी स्तनों पर चकक्तों की शिकायत आ जाती है । अधिक गर्मी में पसीना आने से जीवाणु या यीस्ट इन्फेक्शन भी स्तनों के चकत्तों के कारण बन सकते हैं। स्तनों की ये समस्या कई बार इतनी बढ़ जाती है कि इसकी वजह से सार्वजनिक स्थान पर आपको लोगो के बीच में भी असहजता हो सकती है। यदि आपको प्रतीत हो कि आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो इस आर्टिकिल में हम आपको अनेकों प्राकृतिक घरेलू उपचारों के बारे में बताने जा रहें, जिसके इस्तेमाल से आप इस समस्या से राहत पा सकते हैं।
आइये जानते हैं किन प्राकृतिक घरेलू उपचारों को अपनाकर आप इस समय से आराम पा सकते हैं :
- एलोवेरा जेल:
एलोवेरा ऐंटिफंगल और जीवाणुरोधी गुण से भरपूर्ण होता है, अतः जलन वाली जगह इसके इस्तेमाल से बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है, साथ ही यदि सूजन की शिकायत होती है तो वो भी ख़त्म हो जाती है। त्वचा पर खुजली या जलन होने पर एलोवेरा के ताजे जूस या जेल का प्रयोग प्रतेक दिन, एक या दो घंटे करने से और फिर पानी से धोने से आपको स्तनों पर पड़ने वाले चकक्तों से राहत महसूस होगी।
- बेकिंग सोडा:
बेकिंग सोडा की क्षारीयता हमारी त्वचा के पीएच को बढ़ाने का काम करती है जिसकी वजह से स्तनों के नीचे पड़ने वाले चकत्तों और खुजली जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है। एक चम्मच बेकिंग सोडा को कुछ बूंद पानी में भिगोकर अच्छे से मिला लें और प्रभावित क्षेत्रों पर इस मिश्रण को कुछ दिन तक लगाएं। फिर 20-30 मिनट के बाद इसे साफ़ पानी से धो लें।
- तुलसी के पत्तों का पेस्ट:
तुलसी में एंटी इंफ्लामेंटरी गुण भरपूर्ण मात्रा में पाए जाते हैं इस कारण इसका प्रयोग किसी भी लालिमा या खुजली को कम करने में मददगार साबित होता है। इसमें पाया जाने वाला पावर फूल घटक यूजेनॉल, जलन वाली जगह पर शीतलता पहुंचाने का कार्य करता है। एक या दो बड़े चम्मच सूखे तुलसी के पत्ते के पाउडर को या सूखे पत्तों को दो कप पानी में अच्छे से उबाल कर फिर उसे ठंडा करके रोजाना दो बार प्रभावित त्वचा को धोने से काफी लाभ मिलता है साथ ही आप ताजा तुलसी के पत्तों को पीसकर सीधे प्रभावित जगह पर भी लगा सकते हैं। लगभग 20 से 30 मिनट तक इसे छोड़ने के बाद ठंडे पानी से धो लें।
- ओटमील (दलिया) का प्रयोग :
ओटमील त्वचा को मॉइस्चराइजिंग करके शांत करने में मदद करता है। एक कटोरी में, दो बड़े चम्मच ओटमील पाउडर, एक चम्मच शहद और दो बड़े चम्मच दही मिलाकर फेंट लें और प्रभावित क्षेत्रों पर समान रूप से लगा लें फिर इसे कुछ देर तक सूखने दें। इसके बाद ठंडे पानी से धो लें। दिन में कम से कम एक बार इस उपाय को अपनाने से जल्दी ही आपको समस्या से लाभ मिलेगा।
- नारियल का तेल :
नारियल के तेल में पाए जाने वाले एंटी इंफ्लामेंटरी गुण और एनाल्जेसिक गतिविधियां स्तनों के चकत्तों को दूर करने में बहुत ही लाभकारी मानी जाती है । कैंडिडा के खिलाफ नारियल तेल की रोगाणुरोधी क्षमता का उपयोग यीस्ट संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है ये यीस्ट संक्रमण स्तनों के चकत्ते के लिए जिम्मेदार होते है।वर्जिन नारियल तेल को प्रभावित जगह पर लगाने से आराम मिलता है ।