तेजी से जीवनशैली में आये बदलाव के कारण हमारे शरीर में बहुत से बदलाव देखने को मिलते हैं जो अनेकों प्रकार से हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं। बदलती जीवनशैली और बदलता खानपान इन हानिकारक बिमारियों को जन्म देने का सबसे महतवपूर्ण कारण माना जाता है। इन बीमारियों में सबसे ज्यादा समस्या हड्डियों से जुड़ी हुई देखी गयी है। जिसकी प्रमुख वजह विटामिन डी और कैल्शियम की कमी मानी जाती है। हड्डियों से जुड़ी हुई समस्याएं अधिकाशतः भारतीय महिलाओं में देखी गयी हैं ।
आइये जानते हैं भारतीय महिलाओं में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी के कारणों के बारे में :
सूर्य की किरणों से मिलने वाली धूप का सीधा सम्बन्ध विटामिन-डी से होता है। सूर्य की किरणों से मिलने वाला विटामिन हमारी हड्डियों को ही स्वस्थ नहीं बनाता बल्कि हमारे शरीर के प्रतिरोधी तंत्र मजबूती प्रदान करता है। शोधों में अधिकाशतः देखा गया है कि भारतीय महिलाएं ज़्यादातर घर के कामकाज में व्यस्त और घर से बाहर/ खुले में कम निकलने के कारण सूर्य की किरणों के संपर्क में कम आ पाती है। इसी वजह से भारतीय महिलाओं में
विटामिन-डी से जुडी बीमारियां अधिक मिलती हैं ।
विटामिन डी को धूप विटामिन के नाम से भी जानते हैं, जिसका निर्माण हमारा शरीर केवल धूप मिलने पर ही करता है। भारत में 70 फीसदी महिलाएं पर्याप्त धूप न लेने की वजह से विटामिन डी की कमी का शिकार हो रही हैं। शोध के अनुसार विटामिन डी की पूर्ति के लिए लिए गए सप्प्लिमेंट्स सूर्य से प्राप्त धूप की तुलना में बहुत ही कम लाभकारी होते हैं।
भारतीय महिलाओं में विटामिन डी की कमी का कारण उनका परिधान भी माना जाता है क्योकि अकसर भारतीय महिलाएं शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपडे जैसे साड़ी या सूट पहनती है इस वजह से उनका हर अंग कपड़ों से ढका रहने के कारण धूप के संपर्क में कम आ पाता है ।
विटमिन डी की कमी से महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस, डायबीटीज, जोड़ों में दर्द और पैरों में सूजन जैसी बिमारियों का सामना करना पड़ता है। एक वर्ष में सूर्य की रोशनी से विटामिन डी कम से कम 4० दिन 4० मिनट तक लेने का प्रयास करना चाहिए। इसका सही लाभ तब मिलता है जब शरीर का कम से कम 4० प्रतिशत हिस्सा सूर्य की रोशनी के संपर्क में आए, चाहे इसके लिए भले ही प्रात:काल या शाम का समय चुना जाए