महीने के वो 4-5 दिन ऐसे होते है जैसे मानों किसी महिला से उसकी जान मांग ली हो जी हां हम बात करे रहे है मासिक धर्म यानि पीरियड्स की जो हर महीने आते है और अपने साथ दर्द , चिड़चिड़ापन , थकान , और कमजोरी लाता है। मासिक धर्म चक्र के उस भाग को संदर्भित करता है जब एक महिला योनि से रक्त के प्रवाह का अनुभव करती है। अधिकांश लड़कियों को अपना पहला पीरियड्स तब होते है जब वो लगभग 12 साल की होती है । ये 10 से 15 साल की उम्र के बीच किसी भी समय हो सकते है जो की एक सही अवधि है। ज्यादातर बार देखा गया है की एक लड़की को उसके स्तनों का विकास शुरू होने के लगभग 2 साल बाद पीरियड्स होते है साथ ही डिस्चार्ज का आना आमतौर पर पहली बार पीरियड्स होने से 6 महीने पहले शुरू होता है।
पीरियड्स शुरू होने के बाद हो सकता है गर्भाशय का निर्माण
जैसे ही पीरियड्स शुरू होते है उसके बाद एक लड़की गर्भवती हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हार्मोन पहले से ही सक्रिय हो जाते हैं , हार्मोन के कारण ओव्यूलेशन हो सकता है और गर्भाशय का निर्माण हो सकता है। आपका मासिक धर्म चक्र आपके शरीर को हर महीने गर्भावस्था के लिए तैयार करने में मदद करता है। इसी के साथ जिस महिला को पीरियड्स नहीं होते वो गर्भवती नहीं हो सकती। पीरियड्स का मिस होना भी खतरे की घंटी होता है इसलिए हर महीने पीरियड्स होना भी जरुरी है।
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पीरियड्स के लक्षण
- इरेग्युलर पीरियड्स की पहली पहचान है।
- यूटेरस में दर्द होना कभी कभी के दर्द न सहे पाने वाला होता है ।
- इसके अलावा भूख न लगना या कम भूख लगना ।
- पेट के साथ साथ स्तन, हाथ-पैर और कमर में दर्द होना।
- अधिक थकान, कब्ज, दस्त और उलटी भी इसके लक्षण हैं।
- यूटेरस में ब्लड क्लॉट्स का बनना भी इसी का एक लक्षण है।
- कमजोरी महसूस होना जिसके कारण कई बार चक्कर आना भी आ जाते है।
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पीरियड्स के उपचार
- इन दिनों पेट में दर्द होने की समस्या होती है इसके लिए आप गर्म पानी से सिंकाई करे क्योकि इससे बहुत जल्दी आराम मिलता है। इसके लिए सिंकाई वाले बैग या किसी बॉटल में गर्म पानी लेकर पेट पर रखे ।
- गर्म पानी, चाय या कॉफी का प्रयोग आप कर सकती हैं। इसे पीने के तुरंत बाद आप राहत महसूस करेंगे।
- हींग खाने से बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं।
- इसके अलाव पालक, अंडा व सोयाबीन का नियमित प्रयोग करने के साथ ही प्रतिदिन दूध जरूर पिएं।
- खट्टी चीजों से हमेशा परहेज करें। ये शरीर के अंगों में सूजन पैदा करते हैं।
- पपीता खाना भी बेहद लाभदायक होता है।
- यदि किसी महिला को समस्या काफी गंभीर है तो बिना देर किए डॉक्टर्स की सलाह लेनी चाहिए।
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‘पीरियड्स लीव’ किसे कहते है ?
ये एक ऐसा समय होता है जब महिलाओ को आराम की बहुत जरूरत होती है अब वो महिला काम काजी हो या होममेकर। कई बार देखा गया है एक दम से वह चिड़चिड़ी और सुन्न हो जाती हैं और कभी-कभी वे काम में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाती हैं या वे असहज महसूस करती हैं। जिसके चलते इस समय में महिलाओं को लीव लेने की अनुमति होती है जिसे ‘पीरियड्स लीव’ कहा जाता है।
इतिहास
इतिहास की बात करे तो दक्षिण भारतीय राज्य केरल में एक लड़कियों के स्कूल ने अपने छात्रों को 1912 की शुरुआत में मासिक धर्म की छुट्टी दी थी।
20 वीं शताब्दी की शुरुआत में जापान में मासिक धर्म की छुट्टी शुरू हुई। 1920 के दशक में, जापानी श्रमिक संघों ने अपनी महिला श्रमिकों के लिए छुट्टी (सीरी कियुका) की मांग शुरू कर दी। 1947 में, जापानी श्रम मानकों द्वारा एक कानून लागू किया गया था, जिसमें मासिक धर्म वाली महिलाओं को काम बंद करने की अनुमति दी गई थी।
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वर्तमान
अभी की बात करे तो हाल ही में, भारत में एक फ़ूड वितरण कंपनी, ज़ोमैटो ने एक संगठन में बेहतर कार्य संस्कृति के निर्माण के लिए महिलाओं के लिए 10 दिनों की पीरियड्स लीव का ऐलान किया था । जोमाटो के संस्थापक और सीईओ दीपिंदर गोयल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि, “ज़ोमेटो में, हम विश्वास, सच्चाई और स्वीकृति की संस्कृति को बढ़ावा देना चाहते हैं।
Zomato पर सभी महिलाएं (ट्रांसजेंडर लोगों सहित) एक वर्ष में 10 दिनों की अवधि का लाभ उठा सकती हैं। ”मासिक धर्म की अवधि में शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है। और अगर कोई महिला अपने दिल की बात अपने स्वास्थ्य के बारे में कह रही है तो हर पुरुष को उसकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और उसे जज किए बिना, उसका समर्थन करना चाहिए।